Bahen ki dost ke sath ki chudaiHindi sex story
नमस्कार मित्रों कैसे है आप सभी? सेक्सी कहानियों की इस दुनिया के अंदर आपका दिल से स्वागत करता हूँ। मेरा नाम राघव है और मैं अजमेर का रहने वाले हूँ। मेरी उम्र अभी 20 साल है और मैं काफी लंबा और आकर्षक दिखने वाला लड़का हूँ। अभी मैं अपनी 11वी कक्षा की पढ़ाई कर रहा हूँ और मुझे डांस करने का भी काफी ज्यादा शौक है। आज मैं आपको अपनी सेक्स स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ जो कि मेरे लाइफ के सबसे अच्छे सेक्स अनुभव से प्रेरित है। मैं यहां अक्सर लोगों की सच्ची कहानियां सुनने आता हूँ और मुझे लोगों की कहानियां सुनने में बड़ा मजा आता है। मैं आशा करता हूँ कि आप सभी मेरी यह कहानी सुनने में बहुत मजा आएगा और अगर मुझसे लिखने में थोड़ी गलती हो जाये तो कृपया करके मुझे माफ़ कीजियेगा। अब चलिए मैं अपनी कहानी को शुरू करता हूँ।
यह बात कुछ 3 महीने पुरानी है जब मेरी छोटी बहन आरती का जन्मदिन था। आरती के जन्मदिन में उसकी बहुत सी सहेलियाँ आयी हुई थी ओर सच बताऊं तो सब एक से बढ़ कर एक माल लग रही थी। आरती की सभी फ्रेंड दिखने में काफी लाजवाब थी और वह सभी लड़कियाँ बिल्कुल बन ठन कर जन्मदिन में आई हुई थी। इतनी लड़कियों को एक साथ देख तो मैं खुद पर कंट्रोल ही नही कर पा रहा था। उन लड़कियों की गांड ओर बूब्स देख कर तो मेरी पेंट में एक लम्बा तम्बू ही तन गया था। शायद मेरा लंड इसलिए भी खड़ा हो गया था क्योंकि मेने किसी लड़की को चोदना तो दूर आज तक असली में मैने किसी लड़की की चुत तक के दर्शन नही किये थे। उन सभी लड़कियों में से एक लड़की पर मेरी नजर बार-बार जा रही थीं और वह लड़की मेरी बहन की सबसे खास दोस्त सुहानी थी। सुहानी पर मेरी नजर काफी पहले से ही थी। सुहानी एक दम गौरे रंग और चिकने शरीर की मालकिन थी। बस इतना समझ लो कि उसका शरीर एक दम गुलाबी दिखता था, इससे पता चलता था कि उसके निप्पल एक दम लाल दिखाई देते होंगे।
सुहानी जन्मदिन में किसी परी की तरह दिखाई दे रही थी। उसने सफेद ड्रेस पहनी हुई थी। स्कर्ट मैं तो वह ओर भी सेक्स नजर आती थी। सुहानी की आंखों में लगा हुआ हल्का सा काजल तो मेरी जान ही ले रहा था। उसके होंठ पर नीली लिपिस्टिक लगी ही थी। मेरा मन तो ऐसा कर रहा था कि उसे कही साइड में ले जाकर उसके होंठ ही चूस जाऊं। भले ही सुहानी मेरी बहन की खास दोस्त थी और मैं उसे बहुत ही पहले से जानता था लेकिन फिर भी मेरे लिए उसे पटाना काफी मुश्किल काम था। इसकी एक वजह यह भी थी कि सुहानी बहुत ही सीधी ओर एक अच्छे परिवार की लड़की थी। लेकिन जन्मदिन में उसे देखने के बाद 3 घण्टे तक मेरा लंड बैठने का नाम ही नही ले रहा था। मेने तह सोच लिया था कि आप चाहे कुछ भी हो जाए मैं सुहानी के साथ सेक्स कर के ही रहूंगा।
जन्मदिन की पार्टी के अंदर मैं सुहानी का ध्यान अपनी तरफ खींचने की बहुत कोशिश कर रहा था और अपनी बहन के जरिये मैं, सुहानी से बात करने का भी कोई मौका अपने हाथ से नही छोड़ रहा था। इस दौरान सुहानी भी मुझे टेड़ी नजरों से बार-बार देख रही थी और इस वजह से मैं यह समझ गया था कि अब मेरी सभी कोशिशें एक बाद एक कर के रंग ला रही है। लेकिन मुझे पता था कि अभी भी सुहानी को पटाने के लिए इतना सबकुछ काफी नही है। पार्टी खत्म होने के बाद सुहानी अपने घर जा चुकी थी| उस दिन मैं रात भर बस उसी के ख्यालों में खोया हुआ था। पता नही क्यों पर सुहानी के बारे में सोचने भर से ही मेरा लन्ड बार-बार खड़ा हो जा रहा था। अपने लन्ड को शांत करने के लिए मुझे उस दिन दो बार सुहानी के नाम की मुट्ठी मारनी पड़ी और तब जाकर कही मुझे चैन की नींद आयी थी। सुहानी हमारे घर से काफी दूरी पर रहती थी और इसलिए उसे बार-बार देखना मेरे लिए मुमकिन नही थी। मेरी बहन की जन्मदिन पार्टी में सुहानी को देखने की वजह से अब मुझे उसकी बहुत ही ज्यादा याद आ रही थी।
काफी दिनों तक सुहानी के बारे में सोचने के बाद मुझे एक आइडिया आया और फिर मेने सुहानी से फेसबुक के जरिये दोस्ती करने के बारे में सोचा ओर यकीन मानों यह तरकीब मेरे लिए काफी अच्छी साबित हुई थी। सुहानी मेरी बहन की काफी अच्छी दोस्त थी ओर इसलिये वह आसानी से मेरे साथ फेसबुक पर जुड़ गई थी। काफी हिम्मत जुटाने के बाद मेरी ओर सुहानी की फेसबुक पर बातें होना भी शुरू हो गयी थी। अब सुहानी जब भी मेरे घर आती थी, तो हम एक दूसरे से थोड़ी-थोड़ी बातें भी कर लिया करते थे। फेसबूक पर ही सुहानी ने मुझे अपना नम्बर भी दे दिया था। अब हम दोनों को एक दूसरे से बात करने की आदत भी हो गयी थी और यही वजह थी कि हम दोनों रात भर एक दूसरे के साथ फ़ोन पर बातें किया करते थे।
देखते ही देखते सुहानी ओर मुझे एक दूसरे से प्यार हो गया था। लेकिन मुझे तो अभी भी यह समझ में नही आ रहा था कि मुझे सुहानी से सच मे प्यार हुआ है या उसे चौदने की इच्छा की वजह से में उसकी तरफ इतना खींचा चला जा रहा हूँ। एक दिन जब सुहानी ओर मैं फोन पर एक दूसरे से बात कर रहे थे, तब सुहानी ने मुझसे कहा कि “ हेलो राघव मैं तुमसे कहना चाहती थी कि तुमसे बातें करते हुए मुझे तुम्हारी आदत हो गयी है और अब मैं तुमसे बातें किये बिना बिल्कुल भी नही रह पाती हूँ”। इतना सुन कर मैं यह तो समझ गया था कि मैं सुहानी को चौदने के काफी करीब हूँ लेकिन अभी भी मुझे उसे सेक्स के लिये मना पाना काफी मुश्किल लग रहा था। लेकिन एक बात मैं अच्छे से जानता था कि चाहे लड़की कितनी भी सीधी हो उसका सेक्स करने का मन जरूर होता है लेकिन वो कभी भी सामने से अपनी इच्छा जाहिर नही करती है।
एक दिन फ़ोन पर ऐसे ही बातों ही बातों में मैने भी सुहानी से कह दिया कि “सुहानी मुझे लगता है कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ और मैं भी तुमसे बातें किये बिना रह नही सकता हूँ। काश मैं तुमसे मिल पाता पर तुम तुम तो मुझसे बहुत ही दूर रहती हो”।
“अच्छा अगर मैं तुम्हारे पास होती तो तुम क्या करते? — सुहानी ने ऐसे ही शरारत भरी आवाज़ में पूछा
“अगर तुम मेरे पास होती तो मैं तुम्हें कस के गले लगा लेता ओर तुम्हें फिर कही भी जाने नही देता” — मेने रोमांटिक होकर कहा
“तुम्हारे इस तरह रोमांटिक होकर बातें करने से मुझे काफी अजीब सा लग रहा है” — सुहानी ने जवाब देते हुए कहा
इतना सुन कर मैं समझ गया था कि अब धीरे-धीरे बात बन रही है लेकिन मेने फिर भी हैरान होकर पूछते हुए कहा “क्या हुआ तुम्हें मेरा इस तरह रोमांटिक होते हुए बातें करना अच्छा नही लगा क्या?
“नही ऐसा कुछ नही है बल्कि मुझे काफी अच्छा लग रहा है लेकिन मैं जानना चाहती हूं कि तुम सच मैं मुझ से सच्चा प्यार करते हो ना”? — सुहानी ने पूछा
“हां जान मै तुमसे बहुत प्यार करता हूँ”। — मेने जवाब देते हुए कहा
“अच्छा तुम बता रहे थे ना कि अगर मैं तुम्हारे पास होती तो तुम क्या करते?” — सुहानी ने मजे लेने के लिए पूछा
सुहानी की ऐसी बात सुनकर मैं समझ गया था कि अब उसे भी अब सेक्सी बातें करने का मन हो रहा है इसलिए मैंने अपना बातों को जारी रखते हुए कहा “अगर तुम मेरे पास होती तो मैं तुम्हें कस के गले लगाता ओर तुम्हारे नाम होंठों पर अपने होंठ रख कर तुम्हें बस ऐसे ही चूमता रहता और साथ ही तुम्हारे पूरे शरीर को मैं ऐसे ही चुमता ओर तुमसे प्यार करता।”
मेने ऐसे ही बातों ही बातों ने सीधी ओर भोली सुहानी के अंदर के उस जानवर को जगा दिया था, जो सेक्स करने के लिए काफी समय से तड़प रहा था। सुहानी को बातें करते हुए पता ही नही चला कि कब वह मुझसे सेक्स संबंधित बातें करने लग गयी थी। सुहानी को मेरे साथ सेक्स से संबंधित बातें करने में काफी मजा आ रहा था। कुछ देर बाद सुहानी ने अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए कि “अच्छा बताओं की अगर में तुम्हारे पास चली आऊं तो तुम मेरे साथ ओर क्या-क्या करोगे बताओं?”
मैं समझ गया था कि मासूम सी दिखने वाली सुहानी की मेरे सेक्सी बातें करने में काफी मजा आ रहा है, इसलिये मेने उसे ओर खुश करने के लिए अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि “अगर सुहानी तुम मेरे साथ होती तो मैं तुम्हारे इतने खूबसूरत बूब्स को अपनी हाथों से मसलता ओर धीरे-धीरे तुम्हारे इन बूब्स को पीने लगता ओर तुम्हारी बाहों में ही सिमट कर सो जाता। इतना सुनकर सुहानी काफी शर्मा गयी थी, इसलिए उसने अपना फ़ोन रख दिया था। अब सुहानी ओर मेरी इसी तरह की रोज बातें होने लग गयी थी। एक दिन सुहानी का अचानक ही मुझे फ़ोन आया और उसने मुझसे कहा कि उसका मुझसे मिलने का बहुत मन कर रहा है। यह सुनकर तो मेरा दिल काफी खुश हो गया था। काफी सोच समझकर मेने एक दिन सुहानी से अकेले में मिलने और फ़िल्म देखने जाने का प्लान बनाया था। उस दिन सुहानी अपने घर पर झूठ बोलकर मुझसे मिलने आयी हुई थी।
उस दिन सुहानी ब्लैक कलर की हिट ड्रेस पहन कर आयी हुई थी। उसने काफी टाइड ड्रेस पहन कर रखी हुई थी, जिसमे उसके गांड ओर बूब्स काफी उभरे हुए दिखाई दे रहे थे। उसकी आँखों मे हल्का सा काजल लगा हुआ था, जो कि मेरी जान ही ले रहा था। मेरी नजर उसके होंठो पर लगी हुई लिपिस्टिक की तरफ जा रही थी। उसके होंठों को देख कर ऐसा लग रहा था कि अभी के अभी उसके होंठो को चूसकर पी जाऊं। सुहानी ने जैसे ही मुझे देखा पहले तो उसने आकर मुझे कस कर लगे लगा दिया था। सुहानी के पास से तेज सुगंध आ रही थी। ऐसा लग रहा था, जैसे वह अभी नहा कर ही आयी हो, पता नही क्यों पर उसके शरीर के स्पर्श से ही मेरी पेंट में एक लम्बा चौड़ा तम्बू तन गया था। सबसे पहले तो सुहानी ओर मैं एक माल मैं घूम कर आये जहां पर हम दोनों ने मिलकर काफी मजे किये थे, फिर उसके बाद मैं सुहानी को लेकर एक होटल में चल गया था। सुहानी ओर मुझे मीले काफी समय ही गया था, इसलिये पहले तो हम दोनों ने एक-दूसरे से बहुत बातें की लेकिन सुहानी ओर मैं ये बात अच्छे से जानते थे कि बातें करना तो एक बहाना है, बल्कि हकीकत तो यह थी कि हम-दोनों को ही यह समझ नही आ रहा था कि आखिर हम शुरुआत कैसे करें। एक अच्छी शुरुआत करने के लिए मैं सबसे पहले शराब की कुछ बोतल फ्रिज में से लेकर आ गया था, जो कि मैने पहले से ही लाकर फ्रिज में रखी हुई थी।
कुछ ही देर बाद मेने सुहानी को अपने साथ शराब पीने के लिए कहा, लेकिन शुरुआत मैं उसने मुझे मना कर दिया क्योंकि उसने पहले कभी भी शराब को हाथ तक नही लगाया था। लेकिन मेरे बहुत ज्यादा मनाने पर आखिरकार, उसने मेरे साथ शराब पीना शुरु कर दिया था। कुछ देर बाद हम दोनों ही नशे में धुत्त हो चके थे। अब सुहानी ओर मुझे सबकुछ अच्छा लगने लग गया था और हमें किसी भी चीज में शर्म नही आ रही थी। हम दोनों खुल कर एक दूसरे से बातें कर रहे थे। इतने में ही सुहानी ने मुझे वह बात कही, जिसे सुनने मैं काफी समय से इंतजार कर रहा था। सुहानी ने मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि “अच्छा राघव तुम कह रहे थे ना कि अगर मैं तुम्हारे पास होती तो तुम मेरे साथ क्या करते??
बस इतना सुनकर तो मेरे अंदर का जानवर पुरी तरह से जाग चुका था। अब मैं बिल्कुल भी इंतजार नही कर सकता था। सुहानी की बातें सुनकर पहले तो मैने उसके बालों को पकड़ा और उसके मुंह को अपने पास लाते हुए कहा कि “चल आज मैं तुझे बताता हूँ कि मैं तेरे साथ क्या-क्या कर सकता हूँ।” बस इतना कहते ही मेने सुहानी के होंठ पर होंठ रखकर उसे चूमने लग गया था। मेरी इस कार्रवाई में सुहानी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, वो भी मुझे चूमते हुए पलंग पर लेट गयी थी। सुहानी का चेहरा देख कर लग रहा था कि वह आज पूरे मूड में थी, इसलिए मैं भी आज उसकी जमकर चुदाई करने वाला था। अब सुहानी ओर मैं एक दूसरे के शरीर के जांगों को चूमता ही जा रहा था। चूमने के दौरान मेने सुहानी के काजल ओर लिपिस्टिक को बिगाड़ दिया था, अब वह बिल्कुल किसी चुदासी लड़की की तरह दिखाई दे रही थी। मुझसे बिल्कुल भी रहा नही जा रहा था, इसलिए मैंने कुछ ही देर में सुहानी की हॉट ब्लैक ड्रेस को उतार कर उसे नँगा कर दिया था। अब वह मेरे सामने सिर्फ अपनी ब्रा ओर पेंटी में ही नजर आ रही थी। ब्रा ओर पेंटी में सुहानी को देखने के बाद मेरा लन्ड तो ओर भी ज्यादा तन गया था, जो कि फिर से बैठने का नाम ही नही ले रहा था।
कुछ ही देर बाद मेने सुहानी की पेंटी को भी खींच के उतार दिया था। मेने बिना शर्म किये अपनी उंगलियों से सुहानी की चुत को चोदना शुरू कर दिया था। इस दौरान सुहानी कर मुह से तेज सिसकारियां निकल रही थी। जैसे जैसे मैं अपनी रफ्तार को बढ़ाये जा रहा था, तो सुहानी की आवाज़ भी तेज होने लग गयी थी। सुहानी पहली बार किसी के साथ सेक्स कर रही थी, इसलिए मेरा उसे उंगली से चौदने के दौरान उसका कामरस निकल कर बाहर आ गया था, जिसे देख कर तो मेरा लंड ओर भी ज्यादा पागल होता जा रहा था। कुछ ही देर में मैन सुहानी की ब्रा को भी उतार कर नीचे फेंक दिया था। अब सुहानी मेरे सामने पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी। सुहानी के बूब्स काफी लाजवाब थे, उसके गोल-मटोल बूब्स को देखते ही मेने उन्हें दबाकर चूसना शुरू कर दिया था। सुहानी की प्यारी सी आवाज भी मेरा उत्साह बढ़ाती ही जा रही थी। उसके मुंह से लगातर “आह ओह्ह आह आह अम्म ओह्ह की तेज आवाजें आ रही थी।
कुछ ही देर बाद मेने अपना लन्ड निकाल कर सुहानी के मुंह के सामने रख दिया था। सुहानी ने कभी किसी के लन्ड का स्वाद नही चखा था, इसलिए वह मेरे लंड को सिर्फ टोपे तक ही आप के मुंह मे लिए जा रही थी। मुझे मजा नही आ रहा था, इसलिए मैंने पहले तो सुहानी के बालों को पकड़ा ओ फिर अपना पूरा लंड उसके मुंह मे उतार कर उसे गपागप चौदने लग गया था। मेरा 7 इंच का लंड उसके गले तक जा रहा था, जिस वजह से वह बिल्कुल तड़प ही गयी थी
इस दौरान मेरा वीर्य भी उसके मुंह मे धूल चुका था। शुरुआत में उसे वीर्य का स्वाद उसे काफी अजीब लगा जिस वजह से उसने मेरे वीर्य को अपने मुंह से बाहर निकाल दिया था। अब मुझसे ओर ज्यादा इंतजार नही हो रहा था, क्योंकि मेरा लन्ड अब सुहानी की गीली चुत में जाने के लिए पूरी तरह से तैयार था। पहले तो मैने आने हाथों से अपने लन्ड को अच्छे से कसरत करवाई ओर फिर उसे ले जाकर सुहानी की चुत की दीवार पर ले जाकर रख दिया था। पहले तो मैने ऐसे ही सुहानी की चुत की दीवार पर दो से तीन पर अपना लन्ड रगड़ा ओर फिर एक ही झटके में अपने पूरे लंड सुहानी की चुत में उतार दिया था। मेरा लंड सुहानी की चुत को चीरते हुए सीधा उसकी चुत के अंदर चला गया था।
जैसे ही मेरा लन्ड सुहानी की चुत के अंदर गया तो वह दर्द से पागल हो गयी थीं। उसके मुँह से तेज आवाज़ आई कि” आह मैं मर गयी इसे जल्दी से वाहर निकालो”। मैं सुहानी को चौदने के लिए पूरी तरह से पागल हो था। मेने तुरंत ही झटके देते हुए सुहानी को चोदना शुरू कर दिया था। सुहानी से बिल्कुल भी सहन नही हो पा रहा था, लेकिन फिर भी वह लगातार दर्द से चुद रही थी। सुहानी की चुत बहुत ही ज्यादा टाइड थी, इसलिए मुझे ऐसा महसूस हो रहा था, जैसे कि किसी गर्म भट्टी ने मेरे लन्ड को पूरी तरह से जकड़ कर रख दिया हो। कुछ देर तक तो मैं सुहानी को ऐसे ही चोदता रहा और फिर मेने कुछ-कुछ मिनट के बीच मे सुहानी को अलग अलग पोजिशन में चोदना शुरू कर दिया था। 2 घण्टे के अंदर मैं सुहानी के ऊपर दो बार हिल चुका था, क्योंकि मुझे समझ ही नही आ रहा था कि सुहानी को चौदने का मौका मुझे फिर कब मिल पाए। सुहानी काफी टाइड माल थी, इसलिए उस दिन मेने उसकी चुत को तो फाड़ ही दिया था, लेकिन साथ ही मेने उसके साथ जमकर गांड चुदाई भी की थी।
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